जो भगवती कि कृपा से सत्ता में हें वे साधक कृपया ध्यान दें :-
तारीख ३१ चेत्र मास नवरात्राम्भ,गुडी पड़वा को रेवती नक्षत्र में देवी-घट स्थापित होगा ! ज्वारे विसर्जन श्री राम नवमी को ०८ अप्रेल 2014 को होगें !
चेत्र मास में देवी पूजन का विधान -चेत्र मास के शुक्ल पक्ष में रक्त-दन्तिका का पूजन करना चाहिए ! रेवती या अश्वनी में देवी-घट स्थापित करें ! प्रति दिन, जवा-कुसुम,रक्त-करवीर, ब्रम्ह-पुष्प या श्वेत-पुष्प-पल्लव से पूजा करें ! अहिर्बुघ्न,बैधृति और अपरान्ह में कुम्भ स्थापित न करें ! देवी-स्थापन के उद्देश्य से कलश-स्थापन होता हें !
बैधृति में कलश स्थापन करने से राज्य -नाश, चोर-भय, अग्नि-भय, होता हें ! इसलिए बैधृति त्याज्य हें ! अपरान्ह में कुम्भ-स्थापन करने से कलत्र का विनाश होता हें, बुद्धि भ्रष्ट होती हें ! इसलिए अपरान्ह बर्जित हें ! जो साधक मोह से दुर्गा-कलश को अपरान्ह में स्थापित करते हें, उन साधकों का गृह-भंग होता हें, यश कि हानि होती हें ! इसलिए अपरान्ह त्याज्य हें !
विहित समय पर कलश-स्थापन कर प्रति -दिन वेद-पाठादि, सप्तशती-पाठ, नाना प्रकार के स्रोत्रादिकों का पाठ करना चाहियें ! रक्त -दन्तिका के प्रसन्नार्थ त्रिकाल-पूजन करें ! अष्ठमी के दिन रात्रि में जागरण करें ! नवमी के दिन पारण करें ! दशमी के दिन कलश-विसर्जन और अभिषेकः करें !इस प्रकार रक्त-दंतिकोत्सव करें ! इससे साधक के आयुर्बल कि बृद्धि होती हें और पुत्र प्राप्त होता हें ! देवी शक्ति उस साधक को मिलती हें !!
भारत का सबसे पुराना इतिहास अनुसार सबसे पहिले और सबसे बाद तक मानें जाने बाला हिंदी नव-वर्ष ३१ मार्च २०१४ से प्रारम्भ हो रहा हें, आप सभ को बधाई शुभकामनायें अखिल भरतीय कायस्थ महासभा, शीश महल, भोपाल !
राज गद्दी पर विराजमान राजा कृपया ध्यान दें - चेत्र मास के राम - राज्योत्सब ०४ अप्रेल २०१४ को तिथि नियत हें ! विधि अनुसार विजय योग में दसमीं के दिन अस्त्र पूजन कर सकते हें ! लेकिन विजय योग विद्धवान पंडित से पूछ कर तिथि समय का विशेष ध्यान रखते हुए करें !
No comments:
Post a Comment