Sunday, August 10, 2014

भोपाल. सावन माह के दूसरे सोमवार पर भी शिवालयों में तड़के से ही गूंजने लगे थे हर-हर ...

भोपाल। भोपाल विकास प्राधिकरण (बीडीए) मौजूदा कलेक्टोरेट के पास ही नेवरी गांव की 22 एकड़ जमीन पर नया कलेक्टोरेट बनाएगा। अगले तीन महीने में इसकी डीपीआर बनकर तैयार हो जाएगी। अधिकारियों ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। बीडीए अधिकारियों की माने तो वर्तमान कलेक्टोरेट कार्यालय काफी पुराना हो चुका है। साथ ही स्टाफ और यहां पर आने वाले हितग्राहियों के लिए के बैठने जगह की कमी बनी रहती है। इसको देखते हुए शासन ने नए भवन का निर्माण कराने के लिए डीपीआर बनाने की बात कही है।





भोपाल । श्रावण मास के पहले सोमवार को सावन की रिमझिम फुहारों ने भी भगवान शिव का अभिषेक किया..लालघाटी स्थित प्राचीन नेवरी मंदिर रुद्राभिषेक

बारिश ने किया भोले का अभिषेक

भोपाल । श्रावण मास के पहले सोमवार को सावन की रिमझिम फुहारों ने भी भगवान शिव का अभिषेक किया। शिवालयों में श्रद्धालुओं ने जहां शिव का जलाभिषेक किया तो वहीं दूध, दही, शहद व पंचामृत से अभिषेक कर बेलपत्री, धतूरा व पुष्प अर्पित कर मनोकामना पूर्ण होने की कामना की। यह सिलसिला देर शाम तक चलता रहा। पूरा शहर शिवमय नजर आ रहा था, शिवालयों में बम बम. भोले. महादेव के जयकारे गूंज रहे थे तो वहीं भक्त रूद्री पाठ व शिव चालीसा का पाठ करने में व्यस्त थे। शहर के प्रमुख शिवालयों में शिव भक्तों का भोले के दर्शनों के लिए तांता लगा हुआ था। महिलाओं व पुरुषों ने सोमवार का व्रत रख शिव पुराण का पाठ किया।
गुफा मंदिर में लगा मेला
लालघाटी स्थित गुफा मंदिर में तड़के से ही श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला प्रारंभ हो गया था, जहां उन्होंने भूतेश्वर महाराज का बेलपत्र व दूध, दही और शहद से अभिषेक किया। मंदिर परिसर में सुबह 21 ब्राहम्णों द्वारा रूदी अभिषेक पाठ, शिव महिमन, शिव तांडव आदि का पाठ किया गया। इस अवसर पर मंदिर परिसर में मेला का आयोजन किया गया। जिसमें बच्चों ने झूले झूलकर मस्ती की तो वहीं महिलाओं ने दुकानों से घर गृहस्थी का सामान खरीदा।
अलौकिक श्रृंगार शिव का
छोला विश्राम घाट स्थित मुक्तेश्वर महाकाल मंदिर शिवधाम मंदिर में भगवान भोलेनाथ अलौकिक श्रृंगार किया गया। यहां भगवान भोलेनाथ का अलग - अलग प्रकार से श्रृंगार किया गया।
फूलों से हुआ बड़वाले महादेव का श्रृंगार
बड़वाले महादेव मंदिर में श्रावण मास के पहले सोमवार को भगवान बटेश्वर का अनेक प्रकार के फूलों से श्रृंगार हुआ। इस दौरान श्रद्धालुओं में श्रृंगार दर्शन करने के लिए होड़ मची रही यह सिलसिला देर रात चलता रहा। रात्रि में आरती और जागरण का आयोजन किया गया।
बिड़ला मंदिर में हुआ शिव का रुद्राभिषेक
लक्ष्मीनारायण बिड़ला मंदिर में सुबह से लेकर रात्रि तक भक्तों का तांता लगा रहा। यहां सुबह भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक किया गया। शाम को विशेष पूजा-अर्चना व महाआरती का आयोजन किया गया। मंदिर परिसर के बाहर मेला भी लगाया गया।
11 लीटर दूध से हुआ अभिषेक
लालघाटी स्थित प्राचीन नेवरी मंदिर में भगवान भोलेनाथ का चारों पहर 11 लीटर से रुद्राभिषेक किया गया। इसी प्रकार शिव का विशेष श्रृंगार हुआ जिसमें भगवान को सेहरा पहनाया गया। बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रृंगार दर्शन करने पहुंचे।
कांवड़ियों ने किया अभिषेक
भोपाल। श्री बड़वाले महादेव मंदिर में श्रावण मास के पहले सोमवार को कांवड़ियों ने मां नर्मदा के जल से भगवान शिव का जलभिषेक किया। सेंट्रल लाइब्रेरी स्थित रामदेवरा मंदिर से कांवड़ यात्र पुन: प्रारंभ हुई, जो इतवारा, लखेरापुरा, भवानी चौक से होते हुए बड़वाले महादेव मंदिर पहुंची, जहां भगवान बटेश्वर की पूजा-अर्चना की गई। बड़वाले महादेव मंदिर में रात्रि में महाआरती और जागरण का आयोजन किया गया। समिति के प्रवक्ता प्रमोद नेमा ने बताया कि यात्र का चिंतामन चौराहे पर भव्य स्वागत किया गया तो वहीं भवानी चौक पर शिवसेना ने भी स्वागत किया।

Friday, August 1, 2014

महादेव - सबसे श्रेष्ठ देवता ...

गणेश-गण (भूतगण, जीब-गण) के स्वामी अर्थात समस्त प्राणियों तथा पदार्थो के परमाधिपति !
उमा - उ शिवं माति-मिमित्ते* जो भगवान शंकर में अभिन्न रूप से (अर्धनारीश्वर रूप में भी) स्थित होकर उन्हें माप रही हैं; जो शिव में व्याप्त हैं; वे पराशक्ति उमा हैं ! 
दुर्गा- दुःखेन गम्यते -जिनकी प्राप्ति बड़े कष्ट से होती हैं ! * दुर्गति नश्यति इति दुर्गा* जो भक्त की दुर्गति का निवारण करने वाली हैं, वे पराशक्ति *दुर्गा* कहि जाती हैं !
गणेश-गण (भूतगण, जीब-गण) के स्वामी अर्थात समस्त प्राणियों तथा पदार्थो के परमाधिपति !
महादेव - सबसे श्रेष्ठ देवता ! जो समस्त भावों को छोड़कर अपने ही ज्ञान एवं ऐश्वर्य से महिमान्वित हैं ! * देव प्रकाशक* अतः *महादेव*-परं प्रकाशक !
रूद्र -रुलाने वाले ! जो प्रलय-काल में प्रजा का संहार करके सबको रुलाते हैं, वे *रूद्र* ! अथवा *रुद ददाति* वाक् शक्ति के प्रदाता शिवपुराण के अनुसार *रूद्र* का अर्थ हैं -दुःखो तथा दुःखो के कारण दूर कर देने वाले ! रुद्रदुःखम दुःख-हेतुं वा तद द्रावयति यः प्रभु ! रूद्र इस्युच्यते तस्माच्छिवः परमकारणम् !!
शिव - निस्त्रैगुण्य - त्रिगुण-रहित शुद्ध सच्चिदानंद तत्व *शिव* कहलाता हैं ! अशुभ-निबारक, कल्याणस्वरूप होने से भी वे *शिव* कहे जाते हैं !
शंकर -*श* का अर्थ हैं- कल्याण ! जीव के परम कल्याणकर्ता होने से भगवान शिव को *शंकर* खा जाता हैं !

शम्भु-*शं* का अर्थ हैं मंगल ! वह जिसके द्वारा प्राप्त होता हैं, वे प्रभु *शम्भु* कहें जाते हैं !

He prayeth well who loveth well, Both man and bird and beast.He prayeth best who loveth best, All things both great and small;For the dear God who loveth us, He made and loveth all.O Lord of courage grave,O Master of this night of spring ! Make firm in me a heart too brave, To ask Thee anything.Who rises from prayer a better man, his prayer is answered.