भगवान चित्रगुप्त पूजन विधि
ॐ नमो भगवते चित्रगुप्तदेवाय का आवाहन करते हुये धूप, दिप, चन्दन, लाल पुष्प से पूजन करें श्रद्धानुसार नैवैद्य, खील, भुने चनें, मिठाई, ऋतुफल का प्रसाद चढायें। एक कलम बिना चिरी लेकर दवात में पवित्र जल छिडकते हुये प्रभु को ध्यान करें!
स्वास्थिवाचन
ॐ गणना त्वां गणपति हवामहे, प्रियाणां त्वां प्रियपत हवामहें निधीनां त्वां निधिपते हवामहें वसो मम आहमजानि गर्भधामा त्वमजासि गर्भधम ।
ॐ गणपत्यादि पंचदेवा नवग्रहा:इन्द्रादि दिग्पाला: दुर्गादि महादेव्य: इहागच्छत स्वकीयां पूजां ग्रहीत भगवत: चित्रगुप्त देवस्य पूजमं विध्नरहितं कुरूत।
ध्यानतच्छरी रान्महाबाहु:श्याम कमल लोचन:कम्वु ग्रीवोगूढ शिर: पूर्ण चन्द्र निभानन:।।
काल दण्डोस्त्वोवसो हस्ते लेखनी पत्र संयुत:। नि:मत्य दर्शनेतस्थौ ब्रहमणोत्वयक्त जन्मन:।।
लेखनी खड्गहस्ते च- मसि भाजन पुस्तक:। कायस्थ कुल उत्पन्न चित्रगुप्त नमो नम:।।
मसी भाजन संयुक्तश्चरोसि त्वं महीतले । लेखनी कठिन हस्ते चित्रगुप्त नमोस्तुते।।
चित्रगुप्त नमस्तुभ्यं लेखकाक्षर दायक । कायस्थ जाति मासाद्य चित्रगुप्त मनोस्तुते।।
योषात्वया लेखनस्य जीविकायेन निर्मिता । तेषा च पालको यस्भात्रत: शान्ति प्रयच्छ मे।।
आवाहन
दोनो हाथ जोडकर प्रभु चित्रगुप्त जी से प्रार्थना कीजिये के हे प्रभु जब तक मैं आपकी पूजा करूं तब तक प्रभु आप यहां विराजमान रहिये।
ॐ आगच्छ भगवन्देव स्थाने चात्र स्थिरौ भव ।
यावत्पूजं करिष्यामि तावत्वं सन्निधौ भव । ॐ भगवन्तं श्री चित्रगुप्त आवाहयामि स्थापयामि ।।
आसनहे प्रभु चित्रगुप्तदेव आपका सेवक आवके समक्ष यह आसन समर्पित करता है, कृपया इसे स्वीकार करें :-ॐ इदमासनं समर्पयामी । भगवते चित्रगुप्त देवाय नम: ।।
पाद्य
हे प्रभु चित्रगुप्त आपके चरण कमल धोने के लिये मैं जल समर्पित करता हूं इसे स्वीकार करें :-
ॐ पादयो: पाद्यं समर्पयामी । भगवते चित्रगुप्त देवाय नम: ।।
आचमनहे देवाधिदेव प्रभु चित्रगुप्त भगवान यह पवित्र जल आचमन के लिये प्रस्तुत करता हूं इसे स्वीकार करें :-
ॐ मुखे आचमनीयं समर्पयामि । भगवते चित्रगुप्ताय नम: ।।
स्नान
हे सनातन देव आप ही जल है, पृथ्वी है, अग्नि और वायु है यह सेवक जीवन रूपी जल आपके स्नान हेतु समर्पित करता है इसे स्वीकार करें :-
ॐ स्नानार्थ जलं समर्पयामि । भगवते श्री चित्रगुप्ताय नम: ।।
वस्त्र
हे देवादिदेव, विज्ञान स्वरूप प्रभु चित्रगुप्त जी आपके चरणों में यह सेवक तुच्छ वस्त्र भेंट करता है इन्हें स्वीकार किजियें :-
ॐ पवित्रों वस्त्रं समर्पयामि । भगवते श्री चित्रगुप्त देवाय नम: ।।
पुष्प
हे परम उत्तम दिव्य महापुरूष प्रभु चित्रगुप्त भगवान आपके श्री चरणों में यह सेवक सुगन्धित पुष्प अर्पित करता है इन्हे स्वीकार कीजियें :-
ॐ पुष्पमालां च समर्पयामि । भगवते श्री चित्रगुप्तदेवाय नम: ।।
धूप
हे अर्न्तयामी देव आपके श्री चरणों में यह सेवक सुगन्धित धूप प्रस्तुत करता है, इसे स्वीकार कीजियें :-
ॐ धूपं माधापयामि । भगवते श्री चित्रगुप्तदेवाय नम:।।
दीप
हे देवादिदेव उत्तम प्रकाश से युक्त अंधकार को दूर करने वाला धृत
एवं बत्ती युक्त दीप आपके श्री चरणों में प्रकाशमान है इसे स्वीकार कीजिये।
ॐ दीपं दर्शयामि । भगवते श्री चित्रगुप्त देवाय नम:
नैवैद्य
हे प्रभु चित्रगुप्त जी आपके श्री चरणों में स्वादिष्ट शुद्ध, मधुर फलों से युक्त नैवैद्य समर्पित करता हूं, इन्हें स्वीकार कीजियें :-
ॐ नैवैद्य समर्पयामि । भगवते श्री चित्रगुप्त देवाय नम: ।।
ताम्बूल- दक्षिणा
हे प्रभु चित्रगुप्तजी आपके श्री चरणों में ताम्बूल एवं दक्षिणा समर्पित करता हूं, इन्हें स्वीकार कीजियें ।
ॐ ताम्बूलं समर्पयामि । ॐ दक्षिणा समर्पयामि।।
भगवते श्री चित्रगुप्तदेवाय नम:
लेखनी दवात पूजन
लेखनी दवात पर शुद्ध जल, रोली, चावल, पुष्प जल आदि अर्पित करते हुये प्रभु चित्रगुप्त जी एवं धर्मराज जी का ध्यान कीजिये :-
ॐ लेखनी देवते इहागच्छ । में पूजां ग्रहाण, आवाहनं करोमि।।